रिटायरमेंट   शाम का वक्त था। झुकी कमर और ढीले-ढाले पुराने घिसे कपड़ों में तकरीबन सत्तर साल के एक बुजुर्ग धीरे-धीरे सड़क का किनारा पकड़े चले आ रहे थे। सड़क न सुनसान थी और न ही ज्यादा चहल-पहल। आमतौर पर ऐसा ही
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बड़े बड़े लोगों को आत्मकथा लिखने का शौक होता है। लोग खूब चाव से अपनी आत्मकथा लिखते है, उसका विमोचन कराते हैं और प्रचार भी खूब पाते हैं। मुझे इसका ज्ञान अभी चंद रोज पहले ही हुआ, जब दो पढ़ाकू किस्म के
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अशोक से खरीदा गया वो आखिरी पेन आज हाथ में है, लेकिन उससे कुछ लिखने का मन नहीं है। अशोक… जिसे कोई शोक न हो। यही सोच कर नामकरण किया होगा उसके माता-पिता ने। अशोक की किस्मत भी सम्राट अशोक जैसी थी,
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15 महीने की कमलनाथ सरकार ने वो कमाल किया, जो शिवराज सिंह चौहान की 13 साल की सरकार में नहीं हो सका था। इन कांग्रेसी पंद्रह महीनों में ऐसा क्या हुआ कि चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान की आंखों से
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आज 25 साल हो गए। आज ही का दिन था, जब चटक गर्मी में डामर की पिघलती सड़क पर नंगे पैर अम्मा को लेकर हम सब अपने उस खेत की तरफ जा रहे थे, जहां अंतिम संस्कार होता है।  अम्मा…हमारी यादों की
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आपदा पर्यटन प्रेमी सरकार से आरामतलब कमलनाथ के सवाल पूछने के मायने देश में लॉक डाउन को 53 दिन  पूरे हो गए हैं। अब 18 मई से इसका चौथा चरण आने को है, लेकिन अभी तक सियासी कोरोना पर्यटन शुरु नहीं हुआ।
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भाजपा प्रदेश नेतृत्व को हाटपिपल्या के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री दीपक जोशी को शुक्रवार के दिन प्रदेश कार्यालय तलब करना पड़ा। दीपक से उनके बयान को लेकर कैफियत मांगी गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि “उनके पास सारे विकल्प खुले हुए
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राजगढ़ में एक अशोभनीय बयान ने एलीट ब्यूरोक्रेसी की डिग्निटी को जगा दिया। आमतौर पर सोशल प्लेटफार्म पर गरिमामय आचरण वाले आईएएस अफसर इससे इतना आहत हुए कि 4dignity मुहिम छेड़  कर भरपूर मुखर हो गए। अनुभवी हों या जमीनी हकीकत से
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आज एक महिला आई और बोली- आपके संस्थान में कोई बैकऑफिस वर्क हो तो काम करना चाहती हूं। कुछ दिन पहले एक युवक आया था, बोला- मेरे पास स्कूटर है, कोई भी काम हो तो बताएं। कम्प्यूटर में दक्ष महिला तो समझ
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सोचा था, ‘वक्त है बदलाव का’ के साथ मध्यप्रदेश में बदला हुआ वक्त दिखेगा। प्रदेश में भ्रष्टाचारमुक्त ईमानदार प्रशासन नजर आएगा। राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं का वक्त जरूर बदला है, लेकिन अफसरशाही का समय नहीं बदला है। याद कीजिए शिवराज सिंह
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