काली, जी हां! यही नाम था उसका। कभी वह अपने नाम के अनुरूप ही कोयले की तरह काली थी…लेकिन उसके ऊपर झलकती सफेदी चुगली करने लगी थी कि अब वह काली नहीं रही….अब वो बूढ़ी हो गई है…और अचानक एक दिन काली
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