…तो क्या कांग्रेस के लिए भी व्यापमं अब जिताऊ मुद्दा नहीं !

करीब पांच साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की रातों की नींद उड़ाने वाला व्यापमं घोटाला क्या इस चुनाव में कांग्रेस के लिए भी मुद्दा नहीं है? सवाल इसलिए क्योंकि इस घोटाले को उजागर करने वाले व्हिसल ब्लोअर विधानसभा तक पहुंचने के लिए अपना बोरिया-बिस्तर बांध कर तैयार बैठे रहे और कांग्रेस तो क्या किसी और दल ने भी उन्हें अपना शुभंकर बनाना उचित नहीं समझा। सवाल इसलिए भी है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस किसी ने भी टिकट वितरण में व्यापमं को  पवित्रता का पैमाना नहीं बनाया।

टिकट बंटवारे से पहले तक कांग्रेस नेताओं की जुबान पर व्यापमं इस कदर चढ़ा रहता था कि शिवराज सिंह चौहान की जगत मामा वाली छवि को वह कंस मामा बताने तक से परहेज नहीं कर रही थी। कांग्रेस को मसाला मिल रहा था पीएमटी सहित प्रदेश में हुई भर्ती परीक्षाओं की गड़बड़ियों को आरटीआई के जरिए खुलासा करने वाले एक्टिविस्ट से। व्यापमं घोटाले को प्रदेश और देश की सीमाओं से पार तक पहुंचाने और इसे बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला निरूपित करने वाले लड़ाकों में पूर्व निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा और इंदौर के डॉ. आनंद राय प्रमुख रहे हैं। दोनों ही कांग्रेस के बड़े नेताओं के इतने करीब आए कि उन्हें भी विधानसभा पहुंचने की ललक लगी और इस ललक को कांग्रेसियों ने परवान भी खूब चढ़ाया।  

कल तक जिन व्हिसल ब्लोअर्स के सहारे कांग्रेस ठगी के शिकार हुए प्रदेश के हजारों युवाओं की बात करती थी, आज वही व्यापमं के योद्धा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। पारस दादा के नाम से मशहूर सकलेचा साल 2015 में ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कई अदालती मामलों में वे कांग्रेस नेताओं के साथ वादी-परिवादी बने। उन्हें रतलाम सिटी से टिकट का भरोसा भी दिलाया गया, लेकिन अंतिम सूची तक प्रतीक्षा के बाद उनके हाथ टिकट नहीं लगा। इसी तरह डॉ. आनंद राय ने भी कांग्रेस के बड़े नेताओं की गलबहियां में अपनी सरकारी नौकरी छोड़ कर इंदौर-5 से चुनावी रण में कूदने की पूरी तैयारी कर ली थी। नामांकन दाखिले की अंतिम तारीख भी उन्हें वही अहसास करा गई, जो अहसास साल भर कड़ी मेहनत करने के बाद व्यापमं की मेरिट लिस्ट में किसी थर्ड डिवीजन से पास होने वाले को देख कर पढ़ाकू युवाओं को हुई थी। उनके ही इस शक से व्यापमं घोटाले की ओर शक की सुई घूमी थी। आज इस प्रमुख राजनीतिक दल की मंशा पर वैसा ही संदेह इन योद्धाओं को हो रहा है।

पारस दादा भी कांग्रेस के इस दांव से चारों खाने चित हैं। उन्हें किसी ने भी नहीं बताया कि जो आदमी निर्दलीय विधायक बन सकता है, वह व्यापमं जैसा भंवरजाल तोड़ने के बाद भी कांग्रेस से उम्मीदवार क्यों नहीं बन पाया। डॉ. आनंद राय की पीढ़ा तो और भी तीखी रही। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आश्वासन के बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिला। सोशल मीडिया पर सक्रिय राय ने इसे लेकर कुछ वो खबरें भी री-ट्वीट की हैं, जो कांग्रेस में टिकट बेचने के आरोप-प्रत्यारोप से जुड़ी हैं। इनसे अलग एक और युवा अर्जुन आर्य हैं, जो लंबे समय में बुदनी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ लोगों को एकजुट कर रहे थे और कांग्रेस में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी का टिकट वापस लौटा दिया। आर्य ने वर्तमान स्थिति से समझौता कर कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव के लिए काम करने का ऐलान किया है।

व्यापमं के दागियों को बेनकाब करने वाले ये लड़ाके कांग्रेस का चेहरा नहीं बन सके तो क्या हुआ। कांग्रेस पर भी आरोप लग रहे हैं कि उसने व्यापमं दागी रहे फुंदेलाल मार्को को फिर से विधानसभा का टिकट थमा दिया है। कभी व्यापमं का नाम लेने वाले से भी दूर भागने वाली भाजपा ने भी इस मामले में जेल जा चुके पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई उमाकांत को टिकट दिया है। शिवराज और लक्ष्मीकांत के सिरोंज मिलाप की फोटो, पहले ही फोटो ऑफ द मंथ का खिताब पाने लायक आंकी गई है। भाजपा से कांग्रेस इस मायने में अपनी साख बचाती दिख रही है कि उसने अपने वचन-पत्र में व्यापमं और शिवराज सरकार के घोटालों की जांच के लिए जनआयोग बनाने की घोषणा की है। लेकिन सवाल अभी भी बाकी है कि व्यापमं यदि जिताऊ मुद्दा है तो कांग्रेस को व्यापमं से व्हिसल ब्लोअर्स को टिकट से परहेज क्यों है?  

8 Thoughts to “…तो क्या कांग्रेस के लिए भी व्यापमं अब जिताऊ मुद्दा नहीं !”

  1. Spot on with this write-up, I truly feel this site needs much more attention. I’ll probably be returning to
    read more, thanks for the information!

  2. Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good.

  3. Your point of view caught my eye and was very interesting. Thanks. I have a question for you.

  4. Доброго!
    Долго обмозговывал как поднять сайт и свои проекты в топ и узнал от друзей профессионалов,
    крутых ребят, именно они разработали недорогой и главное продуктивный прогон Хрумером – https://www.bing.com/search?q=bullet+%D0%BF%D1%80%D0%BE%D0%B3%D0%BE%D0%BD
    Постинг на форумах для ссылок – проверенный способ продвижения. Он помогает формировать ссылочную массу и увеличивать доверие. Xrumer автоматизирует этот процесс на сотнях площадок. Такой метод дает быстрый результат. Постинг на форумах для ссылок – надежная стратегия.
    сео продвижение в екатеринбурге, договор на сео сайта, Прогон Хрумер для сайта
    линкбилдинг вакансии, создание сайта с нуля продвижение, seo качественное
    !!Удачи и роста в топах!!

  5. Thank you for your sharing. I am worried that I lack creative ideas. It is your article that makes me full of hope. Thank you. But, I have a question, can you help me?

  6. Этот информативный текст выделяется своими захватывающими аспектами, которые делают сложные темы доступными и понятными. Мы стремимся предложить читателям глубину знаний вместе с разнообразием интересных фактов. Откройте новые горизонты и развивайте свои способности познавать мир!
    Исследовать вопрос подробнее – https://quick-vyvod-iz-zapoya-1.ru/

  7. **mind vault**

    mind vault is a premium cognitive support formula created for adults 45+. It’s thoughtfully designed to help maintain clear thinking

  8. Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!

Leave a Comment